Manali,
एक छोटा सा प्यारा सा शहर,
यहीं पर एक फैमिली रहता है।इस फैमिली को ज्यादा गरीब भी नहीं बोल सकते या ज्यादा पैसे वाले भी नहीं बोल सकते।
एह एक ठिक ठाक फेमिली है जो अच्छा खासा कमा लेती है।इस फैमिली को सभी सेगल फैमिली के नाम से जानते है।मनाली में सेगल फैमिली को बहुत मानते हैं यह के सभी लोग क्योंकि एह फेमिली एह के दूसरी ताकतवर फेमिली है।सेगल फैमिली में 4 लोग रहते है।
जिन में सेगल फैमिली का हेड यानी अभिजीत सेगल, उनकी पत्नी नताशा सेगल और उनके एक बेटे हर्षित सेगल रहते हैं। उनके परिवार में जो चोहती इंसान है यह है ताहिरी। ताहिरी अभिजीत सेगल कि असली बेटी नहीं है।
उन को एक दिन एक मंदिर के बाहर मिली थी ताहिरी रोती हुई। अभिजीत सेगल उस छोटी सी बच्ची को वैसे रोते हुए नहीं देख पाए और उस को अपने साथ अपने घर पर ले आए।नताशा जी को भी ताहिरी को देख कर बहुत खुशी हुई और उस को उन्होंने खुशी-खुशी अपना लिया।
नताशा जी ने ताहिरी को इसलिए अपना लिया क्योंकि वह बहुत दिनों से एक बच्चे के लिए तरस रही थी लेकिन उन्हें बच्चे नहीं हो पा रहे थे इसीलिए ताहिरी को उन्होंने बिल्कुल अपनी बेटी मान लिया था। ताहिरी के आने के बाद ही नताशा जी और अभिजीत जी की जिंदगी में हर्षित आया। हर्षित भी ताहिरी को बिल्कुल अपनी बहन की तरह मानता था। इन दोनों भाई बहन को देख कर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि ताहिरी इस की असली बहन नहीं है।
इन प्रेजेंट,
सेगल हाउस में एक लड़की काफी तेजी से भागते हुए एक बात बार-बार दोहराते हुए आ रही थी। उस लड़की को देख कर ऐसा लग रहा था कि वह खुशी के मारे पागल हो गए है।
वह लड़की कह रही थी, "मम्मी पापा हर्षित कहां हो जल्दी यहां देखो मुझे स्कॉलरशिप मिल गई। अब मैं भी न्यू यॉर्क में जाकर अपने आगे की पढ़ाई कर पाऊंगी।"
यह लड़की करीब 20 साल कि थी।उसकी आवाज सुन के करीब घर में जो जो थे सभी बाहर आ गए। एक करीब 40 साल की औरत बाहर आई। यह औरत कोई और नहीं बल्कि नताशा सेगल थी।
नताशा जी घर के अंदर से बाहर आकर उस लड़की को बोली, " अरे ताहिरी क्या हुआ तुझे?"यह थी हमारी ताहिरी। ताहिरी दिखने में काफी खूबसूरत थी।दूध के जैसे सफेद गोरा चेहरा।
उसकी बड़े-बड़े तारों जैसे टिमटिमाती नीली झील जैसी आंखें, घने पलके, सीधी नाक, चेरी जैसे गाल, और गुलाब की पंखुड़ी जैसे हॉट। उसका चेहरा ऐसे दमक रहा था जैसे गर्मियों में ब्राइट सनलाइट में एक सूरजमुखी का फूल खिला हुआ रहता है और जैसे चमकता है। उसे देख कर मानों चांद भी शर्मा जाए।
ताहिरी की खूबसूरती बिल्कुल किसी इंडियन के साथ साथ किसी यूरोपियन या कोरियन की तरह थी।कहीं लोग ताहिरि को देख कर यह समझ नहीं पाते थे कि वह इंडियन है या यूरोपियन या कोरियन।
ताहिरी ने बहुत खुश होते हुए नताशा जी से कहा, " मम्मी मुझे न्यू यॉर्क मैं जाकर पढ़ाई करने का मौका मिल गया अब मैं भी न्यू यॉर्क जाकर अपनी आगे की पढ़ाई कर पाऊंगी।"
नताशा जी ने खुश होते हुए ताहिरी से कहा, " अरे यह तो बहुत खुशी की बात है। तू अब न्यू यॉर्क में जाकर अपने आगे की पढ़ाई कर पाएगी अपना सपना पूरा कर पाएगी।
तो फिर तू कब निकल रही है न्यू यॉर्क जाने के लिए?"नताशा जी ने यह कहा ही था कि तभी एक लड़का घर के अंदर से बाहर आया और ताहिरी से पूछा, " दीदी क्या हुआ आप इतना खुश क्यों हो रहे हो?"यह लड़का हर्षित था। उस की उम्र 18 साल है। यह ताहिरी से 2 साल छोटा था।
यह अभी स्कूल में 11th स्टैंडर्ड में है।और ताहिरी ने अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म कर ली थी। और अभी वह आगे की पढ़ाई करने के लिए न्यू यॉर्क जाना चहती थी। ताहिरी पढ़ाई में बचपन से ही बहुत अच्छी और होशियार थीं ।
हमेशा अपनी क्लास में हर चीज मे अब वाह लाती थी। सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं बल्कि खेल कूद में भी बहुत अच्छी थी ताहिरी। ताहिरी को बचपन से ही बिजनेस में काफी इंटरेस्ट था।ताहिरी बिजनेस स्टडीज के लिए न्यू यॉर्क जाना चाहती थी।
हर्षित ने ताहिरी से बहुत खुश होते हुए जो पूछा था उस को आगे पुछते देते हुए ताहिरी से उस ने कहा, "अरे दीदी आपने तो कमाल कर दिया है। इस स्कॉलरशिप की एग्जाम बड़े-बड़े जीनियस बच्चे क्रैक नहीं कर पा रहे थे उस को अपने क्रैक कर दिया। में आपके लिए बहुत खुश हूं।
आप को न्यू यॉर्क जाने का मौका मिल रहा है। आपने हम सभी का नाम और पूरे मनाली का नाम रोशन किया है। Very very congratulations di.."
ताहिरी ने कहा, "बहुत-बहुत शुक्रिया मुझे बधाई देने के लिए तुम्हे। पापा कब आएंगे मैं उनसे अपनी खुशी शेयर करना चाहती हूं।"
हर्षित ने कहा, "दीदी पापा तो आ जाएंगे। लेकिन एक बात मैं बहुत उदास हूं क्यों कि अगर आप न्यू यॉर्क चले जाएंगे तो मेरा मन कैसे लगेगा यहां पर?"ताहिरी ने उस से कहा, "अरे तुझे फिक्र करने की क्या जरूरत है में हर 6 महीने में छुट्टी मिलते ही लौट yahan आ जाऊंगी।
और तू अभी ऐसे उदास मत हो मुझे परसों निकलना है न्यू यॉर्क के लिए।"हर्षित ने उदास भरी आवाज में कहा, "क्या आप परसों ही निकल रहे हैं? इतनी जल्दी क्यों कुछ दिन और बाद नहीं निकाल सकते?"
नताशा जी ने हर्षित से कहा, "अरे परसों ही इसे निकल जाना चाहिए क्योंकि वहां जाकर भी उस को बहुत सी चीज सही करनी है। जैसे कॉलेज का ऑफिशियल वर्क उसके बाद उस को अपने लिए हॉस्टल देखना है और उसकी जरूरत की चीजों को सही करना है उसे नई जगह के बारे में जानना है और तो और कुछ दोस्त भी बना ने हैं।
इतना सब कुछ है तो उसे आगे जल्दी जाना होगा ना।"ताहिरी ने भी जवाब देते हुए कहा, " मम्मी बिल्कुल सही कह रही है।"
क्या होगा अब आगे? कैसा होगा ताहीरी का न्यू यॉर्क जाना?क्या न्यू यॉर्क जाने के बाद कोई तूफान उस का इंतजार कर रहा होगा या फिर सब कुछ सही होगा? आखिर कार ताहिरी को किसने वैसे मंदिर में छोड़ दिया था?किसकी बेटी थी ताहिरी?जैसा सब कुछ सिंपल दिख रहा है क्या वह सच में इतना ही सिंपल है?
इन सभी सवालों के जवाब को जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी इस कहानी को।
To be continued....